शुक्रवार 5 दिसंबर 2025 - 07:29
मौलाना कल्बे जवाद नकवी की प्रेस कॉन्फ्रेंस: उम्मीद पोर्टल में खामियां, सरकार ने वक्फ एक्सपर्ट्स से सलाह नहीं ली

हौज़ा/मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीद पोर्टल की खामियों के बारे में बात करते हुए पोर्टल में सुधार और रजिस्ट्रेशन का समय बढ़ाने की मांग की।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने आज जोहरी मोहल्ला में अपने घर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उम्मीद पोर्टल की खामियों, लगातार सर्वर डाउन होने और हुसैनाबाद ट्रस्ट में आर टी आई कोर्ट द्वारा डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पर लगाए गए जुर्माने जैसे ज़रूरी मुद्दों पर पत्रकारों से बात की।

मौलाना ने वक्फ प्रॉपर्टीज़ के रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए ‘उम्मीद पोर्टल’ को खामियां बताया और कहा कि यह ‘पोर्टल’ उन लोगों ने बनाया है जिन्हें वक्फ के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसमें दिन-ब-दिन बदलाव किए जा रहे हैं, जिससे दिक्कतें हो रही हैं। मौलाना ने कहा कि पोर्टल बनाने वालों को खुद नहीं पता कि एंडोमेंट के क्या मसले हैं और एंडोमेंट किस तरह का होता है, कम से कम पोर्टल बनाने वालों को एंडोमेंट बोर्ड या एंडोमेंट एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए थी, लेकिन किसी से सलाह नहीं ली गई, जिससे एंडोमेंट को नुकसान हो रहा है।

मौलाना ने कहा कि इमामबाड़े, मस्जिद और कब्रिस्तान कॉमन भी हैं और अलग भी। जहां इमामबाड़े, मस्जिद और कब्रिस्तान कॉमन एंडोमेंट हैं, वहां पोर्टल पर रजिस्टर करने में दिक्कतें आ रही हैं। जैसे, इमामबाड़ा गुफरान मआब के एंडोमेंट में कब्रिस्तान और मस्जिद भी शामिल हैं, लेकिन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन की मांग की जा रही है।

मौलाना ने कहा कि एक एंडोमेंट के दस से ज़्यादा एंडोमेंट पोर्टल पर रजिस्टर नहीं किए जा सकते, जबकि कुछ एंडोमेंट में दस से ज़्यादा एंडोमेंट हैं। एक ट्रस्टी के पास कई एंडोमेंट की ज़िम्मेदारी होती है, लेकिन एक ट्रस्टी सिर्फ़ एक एंडोमेंट ही रजिस्टर कर सकता है। कुछ औक़ाफ़ ऐसे हैं जिनकी प्रॉपर्टी अलग-अलग ज़िलों में हैं लेकिन आप सिर्फ़ एक ज़िले की प्रॉपर्टी रजिस्टर कर सकते हैं, तो क्या बाकी ज़िलों की प्रॉपर्टी खत्म हो जाएंगी?

मौलाना ने कहा कि सरकार को औक़ाफ़ के बारे में कुछ नहीं पता, यह कानून सिर्फ़ औक़ाफ़ की प्रॉपर्टी खत्म करने के लिए बनाया गया है।

उन्होंने कहा कि फिर भी हमारी मांग है कि रजिस्ट्रेशन का समय बढ़ाया जाए और पोर्टल को बेहतर बनाया जाए, क्योंकि पिछले छह दिनों से पोर्टल नहीं खुल रहा है और सर्वर लगातार डाउन रहता है।

उन्होंने कहा कि एस आई आर पोर्टल पर रजिस्टर करने में कोई मुश्किल नहीं है और न ही पोर्टल का सर्वर उसी तरह डाउन हुआ है जैसे ‘उम्मीद पोर्टल’ का सर्वर लगातार डाउन रहता है जबकि एस आई आर में शामिल लोगों की संख्या करोड़ों में है और औक़ाफ़ की प्रॉपर्टी लगभग 8 लाख है। ‘उम्मीद पोर्टल’ बनाने वालों को या तो औक़ाफ़ के नेचर के बारे में पता नहीं है या जानबूझकर ऐसा पोर्टल बनाया गया है ताकि औक़ाफ़ खत्म और बर्बाद हो जाएं।

मौलाना ने हुसैनाबाद ट्रस्ट में ट्रांसपेरेंसी की कमी के लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की भी आलोचना की और कहा कि आर टी आई कोर्ट ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के सवालों और अकाउंट्स का जवाब न देने पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट पर जुर्माना लगाया है। यह एक बड़ी कामयाबी है क्योंकि इससे पहले कभी भी डीएम से हुसैनाबाद ट्रस्ट की इनकम और अकाउंट्स के बारे में इस तरह से सवाल नहीं किया गया। अब तक हुसैनाबाद ट्रस्ट के बारे में दावा किया जाता था कि यह एक प्राइवेट ट्रस्ट है, इसलिए इसका अकाउंट्स नहीं दिया गया, जबकि यह पूरी तरह से गलत है। डीएम से हुसैनाबाद ट्रस्ट के गायब कीमती सामान के बारे में पूछा गया है, जिसका उन्होंने अभी तक जवाब नहीं दिया है। कोर्ट ने उन्हें पेश होने का आदेश दिया है, अगली सुनवाई में और बातें सामने आएंगी।

मौलाना ने कहा कि औक़ाफ़ की सुरक्षा के लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा और डीएम से हुसैनाबाद ट्रस्ट का पूरा हिसाब लिया जाएगा।

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